भ्रष्टाचार का पर्दाफाश-क्षेत्रवासियों के विरोध के बाद पुन: बनाई जा रही सरैया विलियम अमीरनगर मार्ग – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

भ्रष्टाचार का पर्दाफाश-क्षेत्रवासियों के विरोध के बाद पुन: बनाई जा रही सरैया विलियम अमीरनगर मार्ग

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संवाददाता : : लखीमपुर खीरी::सर्वेश कुमार राज:: Date ::22 .11 .2022 ::क्षेत्रवासियों के विरोध के बाद पुन: बनाई जा रही सरैया विलियम अमीरनगर मार्ग

लखीमपुर खीरी तारकोल गिट्टी मिक्स लेयर हटवाकर सफाई के बाद शुरू कराया पुन: निर्माण बग्घून। सरैंया विलियम और अमीरनगर संपर्क मार्ग निर्माण में मानकों की अनदेखी किए जाने का रविवार को ग्रामीणों ने विरोध जताया था। ग्रामीणों ने तारकोल गिट्टी मिक्स सड़क की परत हाथों से उखाड़कर निर्माण कार्य पर सवाल उठाए थे। सोमवार को लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अवर अभियंता ने निरीक्षण किया और डाली गई तारकोल मिक्स गिट्टी की परत हटवाकर पुन: निर्माण कार्य शुरू कराया।


क्षेत्र का 11 किलोमीटर लंबा सरैया विलियम अमीर नगर संपर्क मार्ग क्षेत्रवासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह संपर्क मार्ग टेढ़ेनाथ बाबा धाम, मोहम्मदी तहसील मुख्यालय और लखीमपुर जिला मुख्यालय को जोड़ता है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पीडब्ल्यूडी द्वारा इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू तो कराया गया, लेकिन मार्ग की सतह से मिट्टी धूल हटाए बिना ही तारकोल गिट्टी मिक्स परत बिछाई जाने लगी। इस तरह सड़क का निर्माण होता देख क्षेत्र के कुलदीप सिंह, मुख्त्यार सिंह, नरेंद्र सिंह अपने हाथों से ही सड़क निर्माण में डाली गई गिट्टी तारकोल की परत को उखाड़ कर निर्माण के मानक पर सवाल उठाए थे। इस मौके पर दयाशंकर, कृपाल सिंह, सोनेलाल, पम्मू आदि मौजूद रहे। लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता कुलदीप सिंह ने बताया कि सरैया विलियम से अमीरनगर तक 11 किलोमीटर सड़क निर्माण कराया जा रहा है। इसकी चौड़ाई 3.75 मीटर है। लोगों ने मानक की अनदेखी कर निर्माण कार्य कराए जाने की शिकायत की थी। कुछ जगह पर दिक्कत थी। निर्माण में डाली लेयर को हटवाकर साफ सफाई के बाद दो बार निर्माण कराया जा रहा है।


 खुदाई के दौरान निकली 11वीं सदी की परमार कालीन उमाशंकर की प्रतिमा

ब्यूरो रिपोर्ट कुमेर सिंह आंवले आष्टा

देवबड़ला में दो दिन पहले निकली थी खुदाई में नटराज की प्रतिमा और
साथ ही लोटस कमल वाला पत्थर भी प्राप्त हुआ है।मंदिर के पुजारी मदन लाल ने बताया कि एक बड़े पत्थर पर कमल के फूल की आकृति उकेर कर प्राचीन कलाकारों ने अपनी कला दर्शाई है इसे पुरातत्व विभाग लोटस कमल कहते हैं। ये पत्थर मंदिर के गुमच में लगता है। झूमर की तरह दिखता है इन सभी प्रतिमाओं के लिए संग्रहालय बनाया जाएगा और यह पर शिवरात्रि का मेला भी लगता है और बहुत दूर-दूर से लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं श्रद्धालु का तांता लगा रहता है11वीं सदी की परमार कालीन उमाशंकर की प्रतिमा मिली है। इस प्रतिमा में शिव पार्वती को बड़े रूप में दर्शाया गया है। नंदी पर सवार जटा मुकुट हाथ में त्रिशूल दाएं तरफ कार्तिकेय हैं। बाएं तरफ गणेश जी और शिवगंण विराजमान हैं, ये प्रतिमा ग्रेनाइट की है। अभी तक मिली पत्थर की प्रतिमा मिली है।
ऐतिहासिक और प्राचीन स्थल देवबड़ला में सोमवार को खुदाई के दौरान उमाशंकर की प्रतिमा निकली है। रविवार को भी खुदाई के दौरान शिव तांडव नटराज की प्रतिमा निकली थी। यहां पर पुरातत्व विभाग लगातार खुदाई कार्य कर रहा है। विभाग यहां स्थित मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा। ये प्रतिमाएं 11वीं सदी की परमारकालीन बताई जा रही है।
2016 से चल रही खुदाई
नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातत्व धरोहर देवांचल धाम देव बड़ला बिलपान में अभी पांचवें मंदिर का मलबा साफ किया जा रहा है। जिसमें खुदाई के दौरान उमाशंकर की प्रतिमा प्राप्त हुई है।

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