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News :: यूपी उपचुनावः जहां मैदान में नहीं है हाथी, वहां BSP का वोट किसका बनेगा साथी

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संवाददाता : : : : :: Date ::13 ::12 :: .2022 : यूपी उपचुनावः जहां मैदान में नहीं है हाथी, वहां BSP का वोट किसका बनेगा साथी

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी, रामपुर और खतौली सीट पर हो रहे उपचुनाव में मायावती ने अपने कैंडिडेट नहीं उतारे हैं. बसपा का दलित मतदाता उपचुनाव में सपा और बीजेपी में किसके पक्ष में जाएगा, क्योंकि यही वोटर सबसे अहम भूमिका में है।उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा, रामपुर और खतौली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बसपा ने अपने कैंडिडेट नहीं उतारे हैं. मैनपुरी और रामपुर सीट पर सपा और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है तो खतौली में बीजेपी बनाम आरएलडी का मुकाबला है. उपचुनाव को आगामी निकाय और 2024 के लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रह लेकिन बसपा के उपचुनाव में नहीं उतरने से लड़ाई रोचक हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि उपचुनाव में बसपा की गैरमौजूदगी किसे नफा और किसे नुकसान पहुंचाएंगी।

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उपचुनाव में किसके बीच मुकाबला ।
मुलायम सिंह यादव के निधन से मैनपुरी सीट रिक्त हुई है जिस पर उपचुनाव हो रहे हैं. सपा ने मैनपुरी सीट पर डिंपल यादव को उतारा है तो बीजेपी ने पूर्व सांसद रघुराज शाक्य पर दांव लगाया है वहीं. रामपुर विधानसभा सीट पर सपा ने आसिम रजा को प्रत्याशी बनाया है तो बीजेपी से आकाश सक्सेना मैदान में हैं खतौली विधानसभा सीट पर आरएलडी प्रत्याशी मदन भैया के सामने बीजेपी से पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी किस्मत आजमा रही हैं बसपा और कांग्रेस ने चुनाव में अपने-अपने कैंडिडेट नहीं उतारे हैं, जिसके चलते मुकाबला बीजेपी और सपा-आरएलडी गठबंधन के बीच है।

बसपा के उपचुनाव न लड़ने का असर।
उपचुनाव में बसपा की गैरमौजूदगी से सभी के मन में एक ही सवाल है कि मायावती का वोटबैंक किसके साथ जाएंगे. ऐसे में हाल ही में हुए उपचुनाव को देखें तो आजमगढ़ सीट पर बसपा के उतरने से सपा को नुकसान हुआ है तो रामपुर और गोला गोकार्णनाथ सीट पर न उतरने से बीजेपी को लाभ हुआ इसी मद्देदनजर मायावती पर आरोप लगा कि विधानसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने सपा को नुकसान पहुंचा कर बीजेपी को जिताने में मदद की हैवहीं. अब मैनपुरी, खतौली और रामपुर में हो रहे उपचुनाव में बसपा ने अपना कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा है. ऐसे में दलित मतदाता का झुकाव किसकी तरफ होगा।

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