UP Nikay Chunav 2022::यूपी निकाय चुनाव के लिए बसपा ने किया शंखनाद, सहारनपुर से इमरान मसूद की पत्नी लड़ेंगी चुनाव – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

UP Nikay Chunav 2022::यूपी निकाय चुनाव के लिए बसपा ने किया शंखनाद, सहारनपुर से इमरान मसूद की पत्नी लड़ेंगी चुनाव

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UP Nikay Chunav 2022::यूपी निकाय चुनाव के लिए बसपा

UP Nikay Chunav 2022::यूपी निकाय चुनाव के लिए बसपा ने किया शंखनाद, सहारनपुर से इमरान मसूद की पत्नी लड़ेंगी चुनाव

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बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र व बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (सम्पादक- मुकेश भारती ) किसी भी शिकायत के लिए सम्पर्क करे – 9336114041

संवाददाता : : : : {} :: Date ::22 ::12 :: .2022 :: यूपी निकाय चुनाव के लिए बसपा ने किया शंखनाद, सहारनपुर से इमरान मसूद की पत्नी लड़ेंगी चुनाव

UP Nikay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव के लिए भले ही अभी तारिखों का ऐलान होना बाकी है, लेकिन सियासी तानाबाना अभी से बुना जाने लगा है. सभी राजनीतिक पार्टियां इसकी तैयारियों में भी जुट गईं हैं. वहीं मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी ने मंगलवार को सहारनपुर नगर निगम के महापौर सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी है।
बसपा नेता और पूर्व विधायक इमरान मसूद की पत्नी साइमा मसूद को सहारनपुर नगर निगम के महापौर सीट पर बसपा का प्रत्याशी घोषित किया गया है।

बता दें कि बसपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी समसुद्दीन राईन ने नगर निकाय चुनाव के नोटिफ़िकेशन जारी होने से पहले ही मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की. वहीं सहारनपुर पहुंचे बसपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रभारी द्वारा बसपा पश्चिम उत्तर प्रदेश के संयोजक काजी इमरान मसूद की पत्नी सायमा मसूद को सहारनपुर नगर निगम चुनाव के लिए संभावित मेयर प्रत्याशी घोषित किया. बसपा ने सहारनपुर से ही अपने पहले संभावित प्रत्याशी की घोषणा की है. शमसुद्दीन राय ने कहा कि नोटिफ़िकेशन जारी होते ही सायमा यहां से प्रत्याशी होंगी और बसपा के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगी।

शमसुद्दीन राय ने कहा कि इमरान मसूद का साथ मिलने के बाद बसपा की और उम्मीदें बढ़ी हैं. इस बार निश्चित रूप से कई नगर निगम और नगर पालिका पर बसपा का परचम लहराएगा।

बसपा ने मंगलवार को सहारनपुर से नगर निकाय चुनाव का आगाज कर दिया है. बसपा की इस घोषणा के बाद इमरान मसूद के बढ़ते कद को साफ तौर पर देखा जा सकता है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में इस बार 762 सीटों पर मतदान होना है. इसमें से 17 नगर निगम शामिल हैं. जबकि 200 नगरपालिका और बाकी नगर पंचायतों में चुनाव होना है।


 

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संवाददाता : : अयोध्या : : संदीपा राय {LMP } :: Date ::22 ::12 :: .2022 :: अयोध्या के रहने वाले, बसपा के पुराने कैडर. जानिए कौन हैं विश्वनाथ पाल, जिन्हें जन्मदिन पर मायावती ने यूपी की कमान सौंपी

 

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीम मायावती ने विश्वनाथ पाल को उत्तर प्रदेश बसपा का अध्यक्ष नियुक्त किया है. अयोध्या के रहने वाले गरीबी में पले-बढ़े विश्वनाथ पाल को पार्टी की कमान सौंपकर मायावती ने ओबीसी समुदाय को साधने का दांव चला है. बसपा ने 24 साल के बाद पाल समुदाय से किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। उत्तर प्रदेश की सियासत में लगातार कमजोर हो रही बसपा की कमान मायावती ने अतिपिछड़े समाज से आने वाले विश्वनाथ पाल को सौंपी है.यूपी नगर निकाय चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विश्वनाथ पाल के कंधों पर मायावती ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. ऐसे में सभी के मन में सवाल है कि विश्वनाथ पाल कौन हैं, जिनके जन्मदिन पर मायावती ने बसपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के तोहफे से नवाजा है।

 

विश्वनाथ पाल का बचपन गरीबी में गुजरा।
विश्वनाथ पाल का जन्म 20 दिसंबर 1973 को अयोध्या जिले के थाना पुरा कलंदर के ग्राम अनंतपुर के एक किसान परिवार में विश्वनाथ पाल, जिन्हें जन्मदिन पर मायावती ने यूपी की कमान सौंपीहुआ. उनके पिता का नाम परमेश्वर दीन पाल और माता का नाम कलपा देवी पाल है। विश्वनाथ पाल पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और वकालत की पढ़ाई कर रखी है. गरीब और संघर्षों के बीच विश्वनाथ पाल का बचपन गुजरा है उनकी शुरुआती शिक्षा गांव में हुई और फिर फैजाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी किया. विश्वनाथ पाल बताते हैं कि उनके पिता एक खेतीहर मजदूर थे, जिनके ऊपर पूरे परिवार को पालने का जिम्मा था. ऐसे में जिंदगी बहुत संघर्ष भरी रही है, जिसे हमारे परिवार ने बहुत करीब देखा ही नहीं बल्कि जिया भी है।

 

विश्वनाथ पाल के जन्म दिन पर मिला तोहफा।
विश्‍वनाथ पाल का मंगलवार को जन्मदिन था और उसी दिन शाम को मायावती ने उन्हें उत्तर प्रदेश में बसपा अध्यक्ष बनाकर जन्म दिन पर बड़ा तोहफा दिया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि वर्तमान राजनीतिक हालात को मद्देनजर बसपा जन्म दिन पर बड़ा तोहफा दिया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि वर्तमान राजनीतिक हालात को मद्देनजर बसपा गया. इस तरह से विश्वनाथ पाल को मायावती ने बधाई और शुभकामनाएं दी।

 

90 के दशक में राजनीति में रखा कदम।
विश्वनाथ पाल ने बसपा संस्थापक कांशीराम की विचाराधारा और मायावती की राजनीति से प्रभावित होकर 90 के दशक में सियासत में कदम रखा. बसपा में एक कार्यकर्ता के तौर पर जुड़े थे और फिर विभिन्न पदों पर रहकर पार्टी में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते रहे. 1996 में पार्टी सेक्टर अध्यक्ष, विकास नगर के अध्यक्ष, अयोध्या के जिला उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, अयोध्या मंडल के सचिव पद रहने के बाद उन्हें मायावती ने बसपा के भाईचारा कमेटी की जिम्मेदारी सौंपी. फैजाबाद और देवीपाटन मंडल में बसपा भाईचारा के कोर्डिनेटर रहे. इस दौरान वो पाल समाज को पार्टी की की तरफ लाने का प्रयास किया था।


BSP Supremo Mayawati :tawang sector:: तवांग सेक्टर
BSP Supremo Mayawati :विश्वनाथ पाल बसपा के नए अध्यक्ष बनाये गये 20 Dec 2022

bsp News:Dt.21-12-2022  विश्वनाथ पाल बसपा के नए अध्यक्ष बनाये गये। विश्वनाथ पाल बसपा के नए अध्यक्ष बनाये गये 2022 में बसपा शिकस्त खाने के बाद अपनी रणनीति में बदलाव कर संगठन में बड़ा फेर बदल किया था अब नगर निकाय चुनाव होने है जिसमे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए यूपी का प्रदेश अध्यक्ष को बदल कर विश्वनाथ पाल पर भरोसाकिया है नगर निकाय चुनाव में बसपा अच्छा प्रदर्शन करती है तो विश्वनाथ पाल की अपनी रणनीति होगी ।Bahujan Samaj Party Uttar Pradesh

BSP Suprimo मायावती ने अपने ट्वीट सन्देश में कहा, वर्तमान राजनीतिक हालात को मद्देनजर रखते हुए बी.एस.पी., यू.पी. स्टेट संगठन में किए गए परिवर्तन के तहत् विश्‍वनाथ पाल, मूलरूप से ज़िला अयोध्या के निवासी है विश्‍वनाथ पाल को बीएसपी यूपी स्टेट का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
विश्‍वनाथ पाल के बारे में जानकारी देते हुए मायावती ने ट्वीट किया, विश्‍वनाथ पाल, बीएसपी के पुराने मिशनरी, कर्मठ और वफादार कार्यकर्ता हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि वह विशेषकर अति-पिछड़ी जातियों को बीएसपी से जोड़कर, पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में पूरे जी-जान से काम करके सफलता जरूर अर्जित करेंगे।

Bsp News Update: इससे पहले यूपी के प्रदेश अध्‍यक्ष रहे भीम राजभर की नई जिम्‍मेदारी के बारे में मायावती ने कहा, ‘हालांकि इनसे पहले भीम राजभर ने भी बीएसपी यूपी स्टेट अध्यक्ष के पद पर रहकर, पार्टी के लिए पूरी ईमानदारी और वफादारी से कार्य किया है, जिसकी पार्टी आभारी है। इनको अब पार्टी ने बिहार प्रदेश का कोऑर्डिनेटर बना दिया है।Vishwanath pal
विश्‍वनाथ पाल की पहचान बीएसपी के ओबीसी चेहरे के तौर पर है। उन्‍हें मायावती के करीबी नेताओं में गिना जाता है। वह बीएसपी के मुख्य सेक्टर प्रभारी रह चुके हैं। उनके ऊपर बनारस, मिर्जापुर, झांसी, फैजाबाद, देवीपाटन, लखनऊ मंडलों का जिम्मा था। विश्‍वनाथ पाल की गिनती बीएसपी के उन नेताओं में होती है जिन्‍हें पार्टी में भव‍िष्‍य का चेहरा कहा जा रहा है।

Vishwanath Pal BSP:विश्वनाथ पाल बसपा के नए अध्यक्ष बनाये गये। विश्वनाथ पाल बसपा के नए अध्यक्ष बनाये गये 2022 में बसपा शिकस्त खाने के बाद अपनी रणनीति में बदलाव कर संगठन में बड़ा फेर बदल किया था अब नगर निकाय चुनाव होने है जिसमे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए यूपी का प्रदेश अध्यक्ष को बदल कर विश्वनाथ पाल पर भरोसाकिया है नगर निकाय चुनाव में बसपा अच्छा प्रदर्शन करती है तो विश्वनाथ पाल की अपनी रणनीति होगी ।

 


तुरंत ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कैसे कम करें? Sugar Level Kam Karne ka  Gharelu Upay

पहला उपाय : ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने लिए सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।

Gharelu Upchar

दूसरा उपाय: ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने का सबसे आसान तरीका है पानी। इस दौरान अगर आप पानी पीते हैं तो यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि पानी के जरिए किडनी टॉक्सिन्स और इंसुलिन को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है।

Dr Ajay Annat Chaudhry
डॉ अजय अनंत चौधरी

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शुगर को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए ?
डायबिटीज में अरहर की दाल, काबुली चने, हरे चने, कुलथी की दाल का सेवन अधिक करना चाहिए. डायबिटीज में कौन-से फल खाने चाहिए? शुगर के मरीज सेब, संतरा, आड़ू, बेरीज, चेरी, एप्रिकोट, नाशपाती और कीवी जैसे फल हर दिन खा सकते हैं. आप बिना गुड़ के उबाली हुई शकरकंद का सेवन भी कर सकते हैं. डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022


मधुमेह के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार का अवलोकन।
मधुमेह रोग (Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा ( blood sugar ) का स्तर सामान्य शर्करा के स्तर से ऊपर होता है। हम जो भी खाना खिलते है उसके पाचन के बाद वह ग्लूकोस बन जाता है। यह ग्लूकोस (glucose) खून के ज़रिये विभिन शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचता है। और ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए खाना खाते ही ग्लूकोस की मात्रा खून मे बढ़ जाती है। ग्लूकोस की मात्रा बढ़ते ही इन्सुलिन (insulin) नाम का हॉर्मोन (hormone) सतर्क हो जाता है और वह इस ग्लूकोस को शरीर की कोशिकायों मे प्रवेश करने मे मदद करता है।Stikar

जब इन्सुलिन की कमी होती है या शरीर इन्सुलिन प्रतिरोधक (insuline resistance) हो जाता है तो ग्लूकोस का कोशिकाओं मे प्रवेश कम हो जाता है। जिस कारण ग्लूकोस की मात्रा खून मे ज़ायदा हो जाती है। इस स्तिति को डायबिटीज या मधुमेह कहते है।Gharelu Upchar

डायबिटीज को नियंत्रण करने के लिए ऐसा खाना, खाना चाहिए जो आप के ग्लूकोस की मात्रा को ज़ायदा नहीं बढ़ाये या अचानक तेज़ी से ग्लूकोस के स्तर को असंतुलित कर दे। डायबिटीज के मरीज़ों को इसलिए अपने खान पान पर बहुत धयान देना चाहिए।
घर पर प्राकृतिक रूप से मधुमेह का इलाज कैसे करें, इसका सरल उपाय है कि हमें अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन को भली भांति समझना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं। ये उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। जबकि कुछ खाद्य उत्पाद बहुत धीरे-धीरे ग्लूकोज छोड़ने के लिए जाने जाते हैं। ये लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (low glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। इस प्रकार, निम्न और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उचित चयन ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022


आईपीसी की  धारा 323 में विधि का  क्या प्राविधान है ?

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IPC की धारा 323 का विवरण :जो कोई किसी अगर कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या 1 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है  तो वह व्यक्ति धारा 323 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0।Dt.21-12-2022

अथवा 

स्वेच्छया उपहति/चोट कारित करने के लिए दण्ड। उस दशा के सिवाय जिसके लिए धारा 334 में उपबंध है ,जो कोई स्वेच्छया उपहति करीत करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवश्य एक वर्ष तक की हो सकरगि , या जुर्माने से जो 1000 रूपये तक का हो सकेगा , या दोनों से , दण्डित किया जायेगा।

उपहति /चोट से आशय ; जो कोई किसी व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा , रोग या अंग -शैथिल्य कारित करता है, वह उपहति करता है। यह कहा जाता है।

विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0।Dt.21-12-2022


नोट : दण्ड प्रक्रिया संहिता के अनुसार : यह जमानतीय और असंज्ञेय अपराध है जमानत कोई जुडिसियल मजिस्ट्रेट दे सकता है।


stikar kabir ki vani

“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”

अर्थ – कबीर दास जी के दोहे से समझ में आता है कि संसार की बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़कर कितने ही लोग मृत्यु के द्वार तक पहुंच गए, मगर वे सभी विद्वान नहीं हो सके थे। वे कहते हैं कि इतन पढ़ने के बजाय अगर कोई प्रेम या प्रेम के ढाई अक्षर ही पढ़ ले यानी कि प्रेम के वास्तविक रूप को पहचान ले तो वह सच्चा ज्ञानी माना जाएगा।

 

 

 

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