Mainpuri News ::जिलाधिकारी ने किसान-सम्मान दिवस में आयोजित कृषि विज्ञान केन्द्र पर किसानों को सम्बोधित किया – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

Mainpuri News ::जिलाधिकारी ने किसान-सम्मान दिवस में आयोजित कृषि विज्ञान केन्द्र पर किसानों को सम्बोधित किया

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Mainpuri News ::जिलाधिकारी ने किसान-सम्मान दिवस में

Mainpuri News ::जिलाधिकारी ने किसान-सम्मान दिवस में आयोजित कृषि विज्ञान केन्द्र पर किसानों को सम्बोधित किया

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संवाददाता :: मैनपुरी ::अवनीश कुमार {Co16} :: Date ::24 ::12::.2022:जिलाधिकारी ने किसान-सम्मान दिवस में आयोजित कृषि विज्ञान केन्द्र पर किसानों को सम्बोधित किया

किसान काले गेहू की खेती को बढ़ावा दें, काला गेहूं स्वास्थ्य के लिए रामबाण औषधि के रूप में कार्य करेगा:– जिलाधिकारी केंद्र व प्रदेश सरकार ने गांव-गांव कृषि चैपाल आयोजित कराकर किसानों को नवीन पद्धति से खेती करने के तौर-तरीके सिखाने के साथ-साथ उन्हें कृषि बीज, कृषि यंत्रों पर मिलने वाली अनुदान की राशि सीधे उनके खाते में भेजने का काम किया है :– राम नरेश अग्निहोत्री मैनुपरी – जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने स्व. चैधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित किसान-सम्मान दिवस पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में किसानों का स्थान सबसे शीर्ष पर है, कई सरकारी योजनाएं केवल किसानों को केंद्र-बिंदु रख संचालित हैं।

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उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री किसान फसल बीमा योजना, सिंचाई, उद्यान, पशुपालन, कृषि विभाग की संचालित योजनाओं से कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है साथ ही कृषकों को खाद-बीज की उपलब्धता, उपज की मार्केटिंग की उपलब्धता, धान, मक्का, गेहूं खरीद की व्यवस्था के साथ ही बैंकों के माध्यम से सहज, सुगम ऋण की व्यवस्था, सहकारी समितियों के माध्यम से खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि आगे आने वाला समय किसानों का है, कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों का है। उन्होने कहा कि जनपद के किसान जागरूक हैं और अपने कृषि कार्य को दिलचस्पी लेकर करते हैं। प्रगतिशील, उन्नतिशील, जैविक कृषि में भी इनकी रुचि है, बाकी किसानों को भी इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

     श्री सिंह ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जनपद के कृषक बेहद मेहनती है। यह जनपद गेहूं, बासमती चावल, मूंगफली, लहसुन का हब है। उच्च कोटि के बासमती चावल की पैदावार जनपद में होती है, बाजरा-मक्का की खेती भी जनपद में बड़े स्तर पर किसानों द्वारा की जाती है। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि आजकल मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं, विश्व में मोटे अनाज को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद है। उन्होने किसानों को आव्हान करते हुये कहा कि किसान काले गेहू की खेती को बढ़ावा दें, काला गेहूं स्वास्थ्य के लिए रामबाण औषधि के रूप में कार्य करेगा। काले गेहूं में प्रोटीन, मैग्नीशियम, फायबर, फाॅस्फेट, सिलेनियम, जिंक, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम सहित अनेक प्रकार के पोषक तत्व समाहित हैं। उन्होंने कहा कि यदि निरंतर 01 माह तक काले गेहूं का प्रयोग खाने के रूप में किया जाए तो उसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होने कहा कि किसान निराश-हताश न हो, जिला प्रशासन उनकी उपज की बिक्री की बेहतर व्यवस्था करेगा, किसानों को समय से खाद-बीज, सिंचाई हेतु पानी, अनुदान पर मिलने वाले कृषि यंत्र, बीज बिना किसी असुविधा के किसानों को मिलेंगे।

    पूर्व मंत्री, विधायक भोगांव रामनरेश अग्निहोत्री ने गोष्ठी में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र, प्रदेश सरकार किसान के दरवाजे पर खड़ी है, पहले किसानों को जानकारी ही नहीं थी कि उन्हें कब दवा डालनी है, कब सिंचाई करनी है, कब खाद का प्रयोग करना है। अपनी उपज का सामान कहां बेचना है, किस दर पर बेचना है, किसी बात की जानकारी नहीं दी जाती थी लेकिन आज गांव-गांव कृषि चैपाल आयोजित कराकर किसानों को नवीन पद्धति से खेती करने के तौर-तरीके सिखाने के साथ-साथ उन्हें कृषि बीज, कृषि यंत्रों पर मिलने वाली अनुदान की राशि सीधे उनके खाते में भेजकर जहां एक ओर बिचैलियों से राहत प्रदान की वहीं दूसरी ओर उनकी उपज का सामान निधार्रित समथर्न मूल्य पर क्रय कर तत्काल भुगतान की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है, केंद्र-प्रदेश सरकार कृषि को उद्योग का स्वरूप प्रदान करने के लिए भरकस प्रयास कर रही है। जब तक देश का किसान खुशहाल नहीं होगा, गांव विकसित नहीं होंगे, तब तक भारत दुनिया का सवर्श्रेष्ठ देश नहीं बन सकता, दुनिया का सबसे ताकतवर, विकसित देश बनाने के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री निरंतर प्रयासरत हैं। केंद्र-प्रदेश सरकार की अधिकांश योजनाओं का संचालन किसान की उन्नति को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि पुरानी पद्धति को छोड़ वैज्ञानिक पद्धति से खेती करें ताकि कम लागत में अधिक मुनाफा मिल सके और आपकी आय दोगुनी हो।

 मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि किसान रासायनिक खेती को छोड़ जैविक खेती को बढ़ावा दें, पशुपालन से जुड़े, फसल चक्र अपनाएं, खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी करें और उसका लाभ ले। उन्होंने कहा कि अत्याधिक रसायनिक खादों का प्रयोग मिट्टी के साथ-साथ हमारी सेहत पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है फलों, सब्जियों, अनाज के माध्यम से यूरिया, डीएपी का विपरीत असर आमजन की सेहत पर पड़ रहा है, हम सबको समय की मांग के अनुसार जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा। खेती की लागत को कम कर अधिक मुनाफा कमाना होगा, तभी देश का किसान आथिर्क रूप से संपन्न होगा। जिलाध्यक्ष प्रदीप चैहान ने कायर्क्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश की अथर्व्यवस्था का मूल आधार कृषि है, प्रदेश सरकार ने किसानों को पशुपालन, कृषि के संबंध में  कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जागरूक करने का सराहनीय कायर् किया है। उन्होंने कहा कि देश की बागडोर संभालने के बाद यशस्वी प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष-2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास करेंगे, उनका आशय यही था कि कम लागत में अधिक उत्पादन लेकर किसानों की आथिर्क स्थिति में सुधार हो सके, दुगनी आय का मतलब लागत का कम होना और उत्पादकता को बढ़ना है। उन्होंने कृषि कार्य से संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि सरकारी योजनाओं की जानकारी हर छोटे-बड़े किसानों को उपलब्ध कराई जाए, कृषकों से सम्पर्क कर उनसे सम्बन्धित योजनाओं का प्रचार-प्रसार कराया जाये, जिससे किसान संचालित योजनाओं का लाभ पाकर विकास की मुख्य धरा से जुड़ सकें।जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह, पूर्व मंत्री, विधायक भोगांव राम नरेश अग्निहोत्री, जिलाध्यक्ष प्रदीप चैहान, मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने किसान-सम्मान दिवस पर कृषि, पशुपालन, उद्यान, मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले किसानों को सम्मानित किया। उन्होने क्राॅप कटिंग के आधार पर जनपद में अभयराम, रूपलाल को सरसों उत्पादन, रामदत्त, श्याम प्रकाश को गेहूं उत्पादन, महेश सिंह, अच्छेलाल को धान उत्पादन, सुमन देवी अनिल कुमार को उर्द की अच्छी पैदावार, सीलेश कुमार, रामपूर्ति को गाय पालन, रेखा, निदोर्श कुमार को भैंस पालन, संजय कुमार, गीता देवी को बकरी पालन, सुखवीर सिंह, कमलेश कुमार को कुक्कुट पालन, सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सेटेन्शन (आत्मा) के अन्तर्गत फल, शाक-भाजी, पुष्प, मसाला, आलू के उत्पादन में विशिष्ट कार्य करने वाले कृषक राजाराम, अखिलेश, इन्द्रेश कुमार, राम किशन, राम नरेश, राजेन्द्र सिंह, उमिर्ला देवी, संन्तोष कुमार, मत्स्य उत्पादन में नरेन्द्र कुमार, सपना, रीना पाल को शाॅल, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।  इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डी.वी. सिंह, जिला कृषि अधिकारी डा. सूयर्प्रताप सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी विजय सिंह, जिला उद्यान अधिकारी अनूप चतुवेर्दी के अलावा अरूण सिंह, अरविन्द तोमर, विशम्भर तिवारी, कृषि वैज्ञानिक, बड़ी संख्या में कृषक बन्धु आदि उपस्थित रहे।


संवाददाता ::दातागंज बदायूं:: प्रशांत सिंह यादव {C018} :: Dt.22.12.2022: दातागंज बदायूं जहारवीर बाबा मंदिर की 18 वीं वर्ष पर
6 जनवरी 2023 से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। उक्त बातों की जानकारी देते हुए राजपाल गुर्जर ने बताया कि समरेर से 3 किलोमीटर के समीप स्थित बझेड़ा में सामूहिक भागवत कथा होगी, जो 6 जनवरी से 14 जनवरी 2023 तक चलेगी।

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संवाददाता -प्रशांत सिंह यादव :दातागंज बदायूं

कु ज्योति शास्त्री जी कासगंज (उत्तर प्रदेश) मुख्य कथावाचक होंगी। कु ज्योति शास्त्री जी पूर्व में भी बझेड़ा में अपनी मधुर वाणी से और समाज के ज्वलंत उदाहरण से हजारों श्रोताओं को कथा का रसपान करा चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि सूरत मंदिर से बालकृष्ण स्वामी तथा सर्वमंगल स्वामी ने हाल ही में दौरा कर भागवत कथा के लिए उचित मार्ग दर्शन तथा दिशा निर्देश दिए हैं। समस्त ग्रामवासी (बझेड़ा) निवेदक-: गुर्जर प्रशान्त नागर


stikar kabir ki vani

“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”

अर्थ – कबीर दास जी के दोहे से समझ में आता है कि संसार की बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़कर कितने ही लोग मृत्यु के द्वार तक पहुंच गए, मगर वे सभी विद्वान नहीं हो सके थे। वे कहते हैं कि इतन पढ़ने के बजाय अगर कोई प्रेम या प्रेम के ढाई अक्षर ही पढ़ ले यानी कि प्रेम के वास्तविक रूप को पहचान ले तो वह सच्चा ज्ञानी माना जाएगा


तुरंत ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कैसे कम करें? Sugar Level Kam Karne ka  Gharelu Upay

पहला उपाय : ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने लिए सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।

Gharelu Upchar

दूसरा उपाय: ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने का सबसे आसान तरीका है पानी। इस दौरान अगर आप पानी पीते हैं तो यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि पानी के जरिए किडनी टॉक्सिन्स और इंसुलिन को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है।

Dr Ajay Annat Chaudhry
डॉ अजय अनंत चौधरी

Stikar
शुगर को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए ?
डायबिटीज में अरहर की दाल, काबुली चने, हरे चने, कुलथी की दाल का सेवन अधिक करना चाहिए. डायबिटीज में कौन-से फल खाने चाहिए? शुगर के मरीज सेब, संतरा, आड़ू, बेरीज, चेरी, एप्रिकोट, नाशपाती और कीवी जैसे फल हर दिन खा सकते हैं. आप बिना गुड़ के उबाली हुई शकरकंद का सेवन भी कर सकते हैं. डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022


मधुमेह के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार का अवलोकन।
मधुमेह रोग (Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा ( blood sugar ) का स्तर सामान्य शर्करा के स्तर से ऊपर होता है। हम जो भी खाना खिलते है उसके पाचन के बाद वह ग्लूकोस बन जाता है। यह ग्लूकोस (glucose) खून के ज़रिये विभिन शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचता है। और ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए खाना खाते ही ग्लूकोस की मात्रा खून मे बढ़ जाती है। ग्लूकोस की मात्रा बढ़ते ही इन्सुलिन (insulin) नाम का हॉर्मोन (hormone) सतर्क हो जाता है और वह इस ग्लूकोस को शरीर की कोशिकायों मे प्रवेश करने मे मदद करता है।Stikar

जब इन्सुलिन की कमी होती है या शरीर इन्सुलिन प्रतिरोधक (insuline resistance) हो जाता है तो ग्लूकोस का कोशिकाओं मे प्रवेश कम हो जाता है। जिस कारण ग्लूकोस की मात्रा खून मे ज़ायदा हो जाती है। इस स्तिति को डायबिटीज या मधुमेह कहते है।Gharelu Upchar

डायबिटीज को नियंत्रण करने के लिए ऐसा खाना, खाना चाहिए जो आप के ग्लूकोस की मात्रा को ज़ायदा नहीं बढ़ाये या अचानक तेज़ी से ग्लूकोस के स्तर को असंतुलित कर दे। डायबिटीज के मरीज़ों को इसलिए अपने खान पान पर बहुत धयान देना चाहिए।
घर पर प्राकृतिक रूप से मधुमेह का इलाज कैसे करें, इसका सरल उपाय है कि हमें अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन को भली भांति समझना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं। ये उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। जबकि कुछ खाद्य उत्पाद बहुत धीरे-धीरे ग्लूकोज छोड़ने के लिए जाने जाते हैं। ये लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (low glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। इस प्रकार, निम्न और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उचित चयन ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022


संविधान के अनुच्छेद

अनुच्छेद  14 से 18 समानता का अधिकार:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 17 और 18 के तहत समानता का अधिकार दिया गया है। ये लेख नागरिकों को कानून के समक्ष समान व्यवहार और कानून की समान सुरक्षा, सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर सुनिश्चित करते हैं और भेदभाव और अस्पृश्यता को रोकते हैं जो सामाजिक बुराइयाँ हैंStikar samvidhan

अनुच्छेद 14 से 18 समानता का अधिकार:
अनुच्छेद 14 के अनुसार : भारत राज्य क्षेत्र में राज्य के किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता और विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा इस अनुच्छेद में की दो बातें निहित है। यह अनुच्छेद बहुत व्यापक दृश्टिकोण के लिए संविधान में सम्मलित किया गया है।
विधि के समक्ष समानता : विधि के समक्ष समानता यह ब्रिटिश संविधान से ग्रसित किया गया है यह अनुच्छेद कानून समानता का नकारात्मक दृष्टिकोण है इसमें निम्न तीन अर्थ निकलता है।

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1 – देश में कानून का राज: देश में सभी व्यक्ति चाहे वे जिस जाति धर्म व भाषा के हो सभी एक समान कानून के अधीन हैं कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं है।

2 विधियों का समान संरक्षण: विधियों के समान संरक्षण यह अमेरिका संविधान से ग्रसित किया गया इसका अर्थ यह है कि समय परिस्थिति वाले व्यक्तियों को कानून के समक्ष सामान समझा जाएगा क्योंकि समानता का अधिकार का मतलब सब की समानता ना होकर सामान रूप में समानता है अर्थात एक ही प्रकार की योग्यता रखने वाले व्यक्तियों के साथ जाति धर्म भाषा व लिंग के आधार पर कोई भेदभाव ना किया जाए।
3-विधानी वर्गीकरण : भारतीय संविधान की विधानी वर्गीकरण के सिद्धांत का प्रतिपादन करता है जो अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है विधानी वर्गीकरण का अर्थ है कि यदि एक व्यक्ति की अपनी आवश्यकता है परिस्थितियों के अनुसार अन्य से भिन्न है तो उसे एक वर्ग माना जाएगा और समानता का सिद्धांत उस पर अकेले लागू होगा लेकिन इसका आधार वैज्ञानिक तर्कसंगत या युक्त होना चाहिए।
इसमें नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत निहित है। यह अनुच्छेद भारतीय संविधान का मूल ढांचा है। इसमें विधि के शासन का उल्लेख है। इसमें सर्वग्राही समानता का सिद्धांत पाया जाता है।

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