Pilibhit News: शारदा नदी के निशाने पर चंदिया हजारा में खेतों व जंगल के कटान का कहर है जारी कटान पीड़ितों की जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं ली सुध
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संवाददाता :: पीलीभीत ::संतोष कुमार मित्रा {C018} :: Published Dt.25.07.2023 :Time:9:25PM ::शारदा नदी के निशाने पर चंदिया हजारा में खेतों व जंगल के कटान का कहर है जारी कटान पीड़ितों की जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं ली सुध :बहुजन प्रेस -सम्पादक :मुकेश भारती : www. bahujan india 24 news .com
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Pilibhit News । ब्यूरो रिपोर्ट : संतोष कुमार मित्रा । Date : 25 Jully (Month Jully 2023- Pilibhit News Serial: Weak -04::16Days to 22Days: No-5) (Year 2023 News No:31)
ट्रांश शारदा क्षेत्र के कई गाँव शारदा नदी के निशाने पर चंदिया हजारा में खेतों व जंगल के कटान का कहर है जारी कटान पीड़ितों की जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं ली सुध
बहुजन इंडिया 24 न्यूज
जिला- संवाद दाता
संतोष कुमार मित्रा
जिला-पीलीभीत
हजारा , पूरनपुर ट्रांश शारदा क्षेत्र के कई गाँव शारदा नदी के निशाने पर जो अपना अस्तित्व खोने के कगार पर हैं l वहीं नदी अपना कहर बरपाती हुई खेतों में खड़ी फसलों समेत पेड़ों को लील रही है। जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है। शारदा नदी कटान की तबाही से ग्रामीणों व गांवों का अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है।
तहसील पूरनपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर चंदिया हजारा में शारदा नदी का कटान निरंतर जारी है। शारदा नदी ट्रांस क्षेत्र के दर्जनों गांवों समेत हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि को अपनी आगोश में समा लिया ! शारदा नदी ने 1990 से ट्रांस शारदा क्षेत्र के क्षेत्रवासी नदी किनारे तटबंध बनवाने की मांग करते चले आ रहे हैं लेकिन किसी जनप्रतिनिधि या सरकारी तंत्र ने इस मांग पर कोई गौर नहीं किया। तटबंध की मांग को अनदेखा करने का नतीजा यह रहा कि एक के बाद एक गांव को निशाना बनाते हुए क्षेत्र के दर्जनों गांवों का वजूद खत्म हो गया है। चंदिया हजारा को अपने निशाने पर लेकर शारदा नदी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है। शारदा नदी का जलस्तर सामान्य होते ही शारदा ने भू-कटान तेज कर दिया है। जिससे ग्रामीणों की दर्जनों एकड़ भूमि में लगे गन्ना की फसलों समेत जंगल के पेड़ पौधे नदी में समाते जा रहे है। लगातार कटान होने से ग्रामीणों की धड़कने तेज हो गई है। और बेबस नजरों से ग्रामीण अपने खेतों को नदी में समाते देख रहे हैं। कटान की विनाशलीला को देखते हुए ग्रामीण खुद अपनी गृहस्थी बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। कार्य सेवा के जरिये नदी किनारे रस्सियों से पेड़ों की टहनींयों को बांधकर नदी में डाल कर कटान को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सरकारी तंत्र ने अपनी संवेदनहीनता की सारी हदों को पार कर लिया है। ग्रामीणों ने हमें बताया कि हम लोगों के साथ हो रही विनाशलीला की सुध लेने के लिए शासन प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं आया। इसके अलावा वो लोग जो चुनाव के दौरान हर मुश्किल घड़ी में साथ देने की बात करते थे वो भी नहीं पहुंचे सुध लेने के लिए। जिससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। अब प्रश्न उठता है कि शारदा नदी द्वारा विनाशलीला का नंगा नाच हो रहा है तो शासन प्रशासन व जन प्रतिनिधियों का पीड़ितों के प्रति उदासीनता बता रही है कि जनता से उनका वोट और सपोर्ट का ही रिश्ता है बाकी शायद जनता को ऊपर वाले के भरोसे छोड़ दिया गया है ।
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