Lakhimpur News: भ्रष्टाचार की गिरफ्त में ग्राम पंचायत श्रीनगर, हाकिम बेखबर वाह रे सरकार” जमकर हुआ भ्रष्टाचार” प्रधान और जिम्मेदारो ने किया बंदरबांट
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संवाददाता :: लखीमपुर खीरी::अमरेंद्र सिंह {LMP} :: Published Dt.27.07.2023 :Time:9:40PM: भ्रष्टाचार की गिरफ्त में ग्राम पंचायत श्रीनगर, हाकिम बेखबर वाह रे सरकार” जमकर हुआ भ्रष्टाचार” जिम्मेदारो ने किया बंदरबांट :बहुजन प्रेस -संपादक : मुकेश भारती :www.bahujan india 24 news.com
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Lakhimpur News । ब्यूरो रिपोर्ट : अमरेंद्र सिंह ।News Date 27 Jully (Month Jully 2023- Lakhimpur News Serial: Weak -04::16Days to 22Days: No-IX) (Year 2023 -News No: 90)
भ्रष्टाचार की गिरफ्त में ग्राम पंचायत श्रीनगर, हाकिम बेखबर वाह रे सरकार” जमकर हुआ भ्रष्टाचार” जिम्मेदारो ने किया बंदरबांट विकास को आए भारी भरकम बजट को सफाचट कर गए प्रधान जी ।
विकास खण्ड फूलबेहड़ की ग्राम पंचायत श्रीनगर की भ्रष्टाचार की कलंक कथा
फूलबेहड़-खीरी।उत्तर प्रदेश के जनपद खीरी की विकास खण्ड फूलबेहड़ की ग्राम पंचायत श्रीनगर मे विकास के लिए भेजे गए धन का सही उपयोग प्रधान व सचिव ने नहीं किया ये लाजमी भी है महिला प्रधान होने के चलते विकास कार्य घूंघट की आड़ हो गया। ऊंचे रसूख व दबंगई के चलते प्रधान पुत्र श्रीनगर से आजिज गांव के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर दबी जुबान में बताया कि किसी राजपत्रित अधिकारी के द्वारा श्रीनगर गांव की निष्पक्ष तरीके से जांच कराई जाए तो भ्रष्टाचार का पूरा मामला खुलकर सामने आ जायेगा। गांव का विकास हो, गांव के लोगों को छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर परेशान न होना पड़े इसके लिए ग्राम पंचायत को सरकार द्वारा भरपूर धन दिया गया और तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा,लेकिन गांव के लोगों को इन योजनाओं का भरपूर लाभ नहीं मिल रहा। भ्रष्ट प्रधान पुत्र व ग्राम पंचायत सचिव ऐसे लोगों को लाभ दे रहे हैं,जो उनके करीबी है इस सौतेले व्यवहार को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश फैला है और गांव में कराये गये विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग उठाई जा रही है।
ग्राम पंचायत सचिव व प्रधान पुत्र श्रीनगर बेखौफ होकर भ्रष्टाचार की बहती गंगोत्री में गोते लगाते हुए देखे जा सकते हैं क्योंकि जब हाकिम ही लूटेरा हो तो विकास कैसे दिखेगा? “तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है” “मगर ये आंकड़े झूठे हैं दावा किताबी है।
श्रीनगर ग्रामीणो द्वारा गुपचुप चर्चा की जा रही है कि गांव में प्रधान पुत्र व सचिव ने खूब सरकारी धन को महज कागजों में दिखाकर ठिकानें लगाने का काम किया है और महिला प्रधान घर की चौखट न लांघते हुए गांव के मजरो में झांकने तक नही जाती। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि योजनाओं से वंचित रह गए लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सुविधा शुल्क लिए जाने व अन्य विकास कार्यों में धांधली बाजी की शिकायत भी करी थी फिलहाल जांच के नाम पर अभयदान देते हुए प्रधान पुत्र व ग्राम पंचायत सचिव को भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए छोड़ दिया गया शिकायतकर्ता ने कहा कि उक्त शिकायतों की जिम्मेदारो के द्वारा कार्यवाही शून्य रही। ब्लॉक क्षेत्र फूलबेहड़ की श्रीनगर ग्राम पंचायत के महिला प्रधान मैसरजहां व प्रधान पुत्र पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप ग्रामीणों ने लगाए हैं। गांव के लोगों ने अफसरों से लिखित शिकायत करते हुए श्रीनगर गांव में हुए गड़बड़ घोटालों की लंबी फेहरिश्त बतायी है वहीं धांधली के आरोपों से घिरे ग्राम श्रीनगर महिला प्रधान चुप्पी साधे बैठी हैं।
गांव के ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए विकास कार्यों और आवास योजना, मनरेगा योजना, सरकारी हैण्ड पम्प रिबोर, शोकपिट, ऐनम सेन्टर, शौचालय, सरकारी जमीन कब्जाने व अन्य विकास कार्यों में धन उगाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जो प्रधान पुत्र के खास हैं उनको ही लाभ दिया जा रहा है और चुनावी रंजिश मानते हुए ग्राम प्रधान पुत्र भेदभाव कर रहे हैं।इसमें ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी पर धांधली के भी आरोप लगाए गये है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि विकास के नाम पर लाखों रुपये डकारे गए जो निष्पक्ष जांच का विषय है।
ग्रामीणों की मानें तो सरकार द्वारा भेजे गए भारी भरकम बजट का ग्राम प्रधान पुत्र व ग्राम पंचायत सचिव गठजोड़ करके डकार लिया व गरीबों के उत्थान के लिए आने वाले सरकारी धन को चट कर रहे ग्राम पंचायत श्रीनगर आज भी अपनी बदहाली का दंश झेलते हुए कहानी बयां कर भ्रष्टाचार की दास्तां कह रही “सरकार बदल गई बयार नही बदली” ग्रामीण दशकों से बुनियादी सुविधाएं ना होने का दंश झेल रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन में भी जमकर धांधली हुई है शौंचालयों, शोकपिट में पीला ईंट का प्रयोग किया गया है और सभी शौंचालय, शोकपिट व विकास कार्य मानक विहीन बनाए गये हैं।ग्रामीणों ने बताया है कि शौचालय बनवाने के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है उसमें भी कमीशन खोरी की गयी है। सूत्रों के मुताबिक लाभार्थियों को इसकी भनक तक नहीं कुछ लाभार्थियों का तो कागज पर शौचालय पूर्ण दिखाया गया जबकि जमीनी स्तर पर लाभार्थी को उसका लाभ तो छोड़िए इसकी जानकारी ही नहीं थी कि उसे शौचालय सुविधा का लाभ भी दिया गया है जो कि पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध है। लोगों द्वारा इन मामलों की जांच कराने की मांग की गई थी, लेकिन जांच कार्य अब तक लम्बित है। जांच कार्य न होने से सरकारी मशीनरी पर सन्देह उत्पन्न होना लाजमी है।
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