Ramapati Chamar:रमापति चमार आजादी के आंदोलन के महान स्वतंत्रा सेनानी का जीवन परिचय – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

Ramapati Chamar:रमापति चमार आजादी के आंदोलन के महान स्वतंत्रा सेनानी का जीवन परिचय

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रमापति चमार आजादी के आंदोलन के महान स्वतंत्रा सेनानी का जीवन परिचय
Mukesh Bharti Adv: वो दौर था 10 मार्च 1857 की क्रांति का आजादी का आंदोलन तेज रफ़्तार पकड़ कर 1900 में पहुँचा।पुराने लोग से आज़ादी की लड़ाई की कमान नव युवक अपने पास लेने लगे अंग्रेजी हुकूमत बहुत परेशान होने लगी चारो तरफ आज़ादी की गूँज के नारे लग रहे थे। महात्मा गाँधी कांग्रेस की कमान सँभालने लगे थे। चंद्रशेखर आज़ाद , भगत सिंह , पंडित जवाहर लाल नेहरू , पंडित राम प्रसाद विस्मिल , बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर जैसी महान शक्शियत अपनी अपनी आज़ादी की मांग कर रहे थे। साइमन कमीशन का गठन की प्रक्रिया चल रही थी। नमक जैसे काले कानून तोड़े जा रहे थे। सभी रियासते अंग्रेजो को भगाने के लिए प्रयासरत थी। कलकत्ता का अधिवेशन हुआ उसमे असहयोग आंदोलन चलने का फैसला किया गया इसी दौरान गोरखपुर के चौरी चौरा नामक जगह में हिंसा भड़क गयी।

रमापति चमार एक स्वतंत्र सेनानी थे 5 फरवरी 1922 को क्रांतिकारी रमापति चमार के नेतृत्व में 5000 स्वतंत्रता प्रेमी दलितों की उग्र मिलने थाने में आग लगा दी थी और 23 लोगों की हत्या कर दी थी पुलिसकर्मी अंग्रेजी गजट में दर्ज इस घटना में 272 लोग मारे गए थे। प्रसिद्ध इतिहास चौरी चौरा कांड कि यह कांड केवल दलित का ही विद्रोह था जिस कारण भारतीय वर्ण व्यवस्था जन्म जनित घोर अपमान दिशा था इस कांड में 19 लोगों को फांसी 14 लोगों का आजीवन कारावास शेष लोगों को क्रमशः 853 और 2 वर्ष के शास्त्रम कारावास की सजा मिली इस कांड में 232 लोगों का चालान हुआ और 22 लोग सेशन सपोर्ट हुए फांसी सजा प्राप्त लोगों को 2 जुलाई 1923 को दे दी गई।
फांसी पाने वाले शहीदों में सभी लोग दलित थे उनके इनमें प्रमुख थे रमापति चमार संपत्ति चमार छोटू पासी अयोध्या चमार अलगू पासी कल चमार गरीब चमार जागेश्वर पासी नोहर चमार फ्लाई चमार बिरजा चमार मंडी चमार मढ़ी चमार मधु नाथ पासी राम यस पासी रामशरण पासी।
स्रोत माता प्रसाद का लेख स्वतंत्रता संग्राम में दलितों का योगदान दलित वार्षिकी 2005 प्रश्न संख्या 222

रमापति चमार एक वीर नायक थे जिन्होंने अंग्रेजों की चौकिया में आग लगाई थी और 5000 चमारों का नेतृत्व किया था भगवान दास की पिटाई के बदले में उन्होंने 23 ब्रिटिश सिपाहियों को जिंदा जला दिया था उनके साथी वीर संपत चमार और वीर दुबई चमार भी थे।
चोरा चोरी चोरी चौरा उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास एक कस्बा था वर्तमान में तहसील है जहां 4 फरवरी 1922 को भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग लगा जिसमें उसमें छुपे हुए 22 पुलिस कर्मचारी जिंदा जल की मर गए इस घटना को चौरी चौरा कांड के नाम से जाना जाता है।

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