Creamy layer News: क्रीमीलेयर के मुद्दे पर बहुजन समाज के अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों में जजो की नियुक्ति पर उठाये सवाल।
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क्रीमीलेयर के मुद्दे पर बहुजन समाज के अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों में जजो की नियुक्ति पर उठाये सवाल।
Creamy layer News: Date-13 Aug 2024 : बहुजन समाज से सम्बंधित मुद्दों पर माननीय न्यायपालिका के आये निर्णयों से स्पष्ट है कि जब तक उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों में जजो की नियुक्ति हेतु खुली प्रतिस्पर्धा आधारित चयन प्रक्रिया नही होगी तब तक बहुजन समाज को संविधान की मूल भावना आधारित संविधान की व्याख्या,शोषण करी शासनादेशों से मुक्ति एवं त्वरित न्याय प्राप्त नही होगा। संविधान की व्याख्या माननीय उच्चतम एवं उच्च न्यायालय करेंगे। शासनादेशों का परीक्षण उच्चतम एवं उच्च न्यायालय करेगे,संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का संरक्षण उच्च एवं उच्चतम न्यायालय करेगे,सरकार की शोषकरी नीतियों से संरक्षण उच्चतम एवं उच्च न्यायालय प्रदान करेगे, रोजगार,न्याय, पुलिस उत्पीड़न से रोक सब माननीय न्यायालय करेगे।
इतने महत्वपूर्ण एवं योग्यता आधारित कार्य न्यायपालिका करेगी और उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों में माननीय जजो की नियुक्ति 5 जजो की समिति अर्थात कॉलेजियम द्वारा किया जाएगा वो भी बिना किसी खुली प्रतिस्पर्धा, बिना सभी को योग्यता दिखाने का अवसर दिए बिना किसी पारदर्शी एवं जवाबदेह नियमो के। कॉलेजियम नाम भेजेगी और सरकार उनको जज नियुक्त कर देगी अर्थात कॉलेजियम और सरकार केवल अहर्ता धारित किसी भी व्यक्ति को उच्चतम एवं उच्च न्यायालय में जज जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त कर सकते है वो भी बिना किसी योग्यता मूल्यांकन परीक्षण (माननीय पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया श्री रंजन गोगोई जी के पिता के सी गोगोई साहब कांग्रेस पार्टी से असम राज्य के मुख्यमंत्री थे ) और इस चयन प्रक्रिया का सर्वाधिक दुष्परिणाम बहुजन समाज भुगत रहा जैसे देर से न्याय कोई जवाबदेह नही,युवाओं को सरकार संविदा भर्ती कर शोषण कर रही कोई जवाबदेही नही।
वर्षो तक लाखों पदों को खाली रख युवाओं को बेरोजगार रखा जा रहा और न्यायपालिका ने आंखे बंद कर रखी है,रोजगार से जुड़े मुकदमे युवा बुजुर्ग हो जा रहा और माननीय जज साहब तारीख पर तारीख दे रहे पर उनकी कोई जवाबदेही नही।
जब तक उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों में योग्यता आधारित खुली एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया लागू नही होती तब तक न तो न्यायपालिका की जवाबदेही तय होगी न ही बहुजन समाज को संविधान की मूल भावना अनुसार अधिकार प्राप्त होंगे न ही समय पर न्याय मिलेगा न ही सरकार की शोषणकारी नीतियों से मुक्ति मिलेगी न सरकारी संस्थानों को जवाबदेह बनाया जा सके और न उनके उत्पीड़न से मुक्ति । इसलिए अब बहुजनो को अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा न्यायपालिका में सुधार हेतु आवश्यक संघर्ष में लगानी चाहिए।
बहुजन समाज का एकमात्र उद्देश्य उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों में जजो की नियुक्ति हेतु खुली प्रतिस्पर्धा द्वारा योग्यता आधारित निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया लागू करवाने की हो जिससे स्वतंत्र एवं योग्य न्यायपालिका का निर्माण हो सके और कार्यपालिका एवं विधायिका की गलत एवं शोषणकारी नीतियों एवं कार्यो पर नकेल कस सके। यदि अभी सुधार हेतु संघर्ष नही किया तो हमारे बच्चे इसकी कीमत चुकायेगी । अधिकार पाने के लिए केवल संघर्ष ही जरूरी नही संघर्ष की दिशा का सही होना भी अत्याधिक जरूरी है।
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जय भीम नमो बुद्धाय
अखिलेश कुमार सिंह एड0- हाईकोर्ट इलाहाबाद : 9415441983 – 8545058381
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