गोंडा : पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों का होगा सघन सत्यापन, डीएम ने दिए आदेश – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

गोंडा : पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों का होगा सघन सत्यापन, डीएम ने दिए आदेश

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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक हिंदी समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती ) 9161507983

गोंडा : (राम बहादुर मौर्य – ब्यूरो रिपोर्ट )


गोंडा : पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों का होगा सघन सत्यापन, डीएम ने दिए आदेश

डीएम मार्कण्डेय शाही ने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों तथा नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे वृद्धावस्था पेंशन, पति की मृत्यु के उपरांत निराश्रित महिला पेंशन(विधवा पेंशन), दिव्यांगजन भरण-पोषण अनुदान (दिव्यांगजन पेंशन) योजना के अंतर्गत लाभार्थियों का सघन सत्यापन, सोशल ऑडिट कराने के साथ ही उनके आधार नंबर की बैंक से सीडिंग अभियान चलाकर कराएं ताकि पात्रों को योजना का लाभ मिल सके।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में समस्त लाभार्थियों के आधार सीडिंग एवं मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज कराए जाएं। इसी प्रकार पति की मृत्यु के उपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना एवं दिव्यांगजन पेंशन योजना से लाभान्वित होने वाले समस्त लाभार्थियों की आधार सीडिंग एवं मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज कराए जाएं। यदि किसी कारणवश पेंशन लाभार्थी का मोबाइल नम्बर न हो तो, ऐसी परिस्थिति में परिवार के किसी सदस्य का मोबाइल नम्बर अवश्य लिए जाय, जिससे उन्हें एस0एम0एस0 के द्वारा भुगतान की सूचना प्राप्त हो सके। मृतक या अपात्र होने की दशा में धनराशि की वापसी बैंक खाते से की जाए एवं धनराशि को शासकीय कोष में जमा कराया जाय।
यह भी निर्देश दिये गये हैं कि वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, तथा दिव्यांगजन पेंशन योजना के लाभार्थी जो परिवार के मुखिया हैं, उनका नाम राशन कार्ड में अवश्य दर्ज कराया जाये। यदि वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, दिव्यांगजन पेंशन योजना के लाभार्थी के नाम राशन कार्ड नहीं है तो नया राशन कार्ड बनाया जाये। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अपने अधिकारिता क्षेत्र में सत्यापन की कार्यवाही समयबद्ध रूप से सुनिश्चित करा लें और इस कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए, सतही तौर पर किया गया सत्यापन मान्य नहीं होगा एवं यदि जांच में कोई त्रुटि परिलक्षित होती है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी जांचकर्ता अधिकारी-कर्मचारी की होगी। सत्यापन की कार्यवाही आगामी 10 दिवस के अन्दर सुनिश्चित करा ली जाए।

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