कुशीनगर : उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण
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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक हिंदी समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती ) 9161507983
कुशीनगर : ( चन्द्रशेखर आर्य – ब्यूरो रिपोर्ट )
कुशीनगर : उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण
उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक, 2021 का एक मसौदा(ड्राफ्ट) तैयार किया है ड्राफ्ट यह स्पष्ट करता है कि राज्य विधि आयोग, यू.पी. वर्तमान में राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण पर काम कर रहा है और उसके अनुसरण में आयोग ने एक ड्राफ्ट बिल तैयार किया है।विधेयक का उद्देश्य प्रयासों में फिर से प्राण भर देना और दो बच्चों के मानदंड को लागू करके और बढ़ावा देकर राज्य की आबादी को नियंत्रित करने, स्थिर करने और कल्याण प्रदान करने के उपाय प्रदान करना है। जो कोई भी, अधिनियम के लागू होने के बाद, दो बच्चों के मानदंड का उल्लंघन करते हुए दो से अधिक बच्चे पैदा करता है, वह निम्नलिखित के लिए अपात्र होगा 1-स्थानीय प्राधिकरण या स्थानीय स्वशासन के किसी निकाय का चुनाव लड़ने के लिए 2-राज्य सरकार के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए 3-सरकारी सेवाओं में पदोन्नति पाने के लिए अपात्र 4- किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए अयोग्य होगा 5-राशन कार्ड में चार सदस्यों के नाम ही शामिल होंगे -सरकार द्वारा प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित होगा 6-सरकार द्वारा प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित होगा 7-राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन जो लोक सेवक स्वयं या पति/पत्नी का स्वैच्छिक नसबंदी ऑपरेशन करवाकर दो-बच्चे के मानदंड को अपनाते हैं, उन्हें निम्नलिखित लाभ दिए जाएंगे 8-पूरे सेवाकाल के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि 9-हाउसिंग बोर्ड डेवलपमेंट अथॉरिटी से प्लॉट या हाउस साइट खरीदने या घर बनाने के लिए सब्सिडी, जैसा कि निर्धारित किया जा सकता है 10-पानी, बिजली, गृह कर जैसी उपयोगिताओं के शुल्क पर छूट, जैसा कि निर्धारित किया जा सकता है,(आम जनता के लिए भी उपलब्ध) 11-मातृत्व या जैसा भी मामला हो, पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने का पितृत्व अवकाश,(आम जनता के लिए भी उपलब्ध) 12-जीवनसाथी के लिए मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और बीमा कवरेज ड्राफ्ट बिल की अन्य मुख्य विशेषताएं 1- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले दम्पति, जिनके केवल एक बच्चा है और जो स्वयं या पति/ पत्नी का स्वैच्छिक नसबंदी ऑपरेशन करवाते हैं, सरकार से एकमुश्त भुगतान के लिए अस्सी हजार रुपये की राशि के पात्र होंगे, यदि एकल बच्चा लड़का है और एक लाख रुपये के लिए, अगर एकल बच्चा एक लड़की है। 2- सरकार का यह कर्तव्य होगा कि वह सभी माध्यमिक विद्यालयों में जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित एक अनिवार्य विषय लागू करे। 3- यह सरकार का कर्तव्य होगा कि वह सुनिश्चित करें कि राज्य के सभी उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भनिरोधक उचित दरों पर उपलब्ध हों। 4- राज्य सरकार इस अधिनियम के लागू होने के बाद जितनी जल्दी हो सकेगा सरकारी खर्च पर सभी योग्य एलोपैथिक सर्जनों (जो पुरुषों या महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन करेंगे), अन्य कर्मचारियों और संबंधित अस्पताल अधिकारियों का सामूहिक बीमा करवाने के लिए कदम उठाएगी ताकि उस दंपत्ति को मुआवजे का भुगतान किया जा सके, जहां महिला का ऑपरेशन हुआ हो या ऑपरेशन करवाने वाले पुरुष की पत्नी इस तरह के ऑपरेशन के बाद भी गर्भवती हो जाती है।
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