खमरिया गोविंद शुगर चीनी मिल के कर्मचारी संघ के महामंत्री फूलचंद गौतम ने मिल गेट के सामने उपस्थित होकर धरना प्रदर्शन किया
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खमरिया गोविंद शुगर चीनी मिल के कर्मचारी संघ के महामंत्री फूलचंद गौतम ने मिल गेट के सामने उपस्थित होकर धरना प्रदर्शन किया
लखीमपुर खीरी:141 विधान सभा धौराहरा की ऐरा खमरिया गोविंद शुगर चीनी मिल के कर्मचारी संघ के महामंत्री फूलचंद गौतम जी व उनके अन्य साथी कर्मचारी काफी संख्या में मिल गेट के सामने उपस्थित होकर धरना प्रदर्शन किया
सवाददाता :लखीमपुर खीरी -रामरूप:कर्मचारी संघ के महामंत्री ने कहा इतनी महंगाई इतनी महंगाई बढ़ गई है फिर भी हम लोगों का वेतन नहीं बढ़ाया जा रहा है बताया कि हम लोग 3 साल से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं फिर भी वेतन नहीं बढ़ाया गया इसकी लिखित सूचना मिल प्रबंधक को दी गई फिर भी प्रबंधक ने आश्वासन दे दिया।
आप लोगों का वेतन बढ़ा दिया जाएगा लेकिन अभी तक नहीं बढ़ाया गया कर्मचारियों ने इसकी सूचना जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई फिर भी वेतन नहीं बढ़ाया गया इसलिए कर्मचारियों का कहना है अगर वेतन नहीं बढ़ा तो फैक्ट्री बंद का ऐलान कर सकते हैं इसका जिम्मेदार प्रशासन व मिल प्रबंधक होगा । बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ जिला क्राइम रिपोर्टर रामरूप
फसल को शीत लहर व पाले से बचाने के लिये उपयोगी सलाह
वर्तमान में चल रही शीत लहर और कड़ाके की ठंड से फसलों को नुकसान होने की संभावना रहती है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने फसलों को पाले से बचाने के लिये उपयोगी सलाह दी है।
सवाददाता :शिवपुरी मध्य प्रदेश-संजीव सुर्यवंशी शिवपुरी, 21 दिसंबर 2021/
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जब तापमान पाँच डिग्री सेल्सियस से कम होने लगता है तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। हवा का तापमान जमाव बिंदु से नीचे गिर जाए, दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए, आसमान साफ रहे या उस दिन आधी रात से ही हवा रूक जाए, ऐसी परिस्थितियों में पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है। रात को विशेषकर तीसरे एवं चौथे पहर में पाला पड़ने की संभावना रहती है। साधारणत: तापमान चाहे कितना ही नीचे चला जाए यदि शीत लहर हवा के रूप में चलती रहे तो कोई नुकसान नहीं होता। पर इसी बीच हवा चलना रूक जाए और आसमान साफ हो तभी पाला पड़ता है, जो फसलों के लिये काफी नुकसानदेह साबित होता है।
शीत लहर एवं पाले से फसलों की सुरक्षा के उपाय
जब भी पाला पड़ने की संभावना हो या मौसम विभाग द्वारा पाले की चेतावनी दी गई हो, ऐसी स्थिति में फसल में हल्की सिंचाई कर देना चाहिए। हल्की सिंचाई से तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसल पाले से बच जायेगी। सिंचाई करने से खेत के तापमान में 0.5 से लेकर 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
पाले से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। पाले से बचाने के लिये नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढंकने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है और सतह का तापमान जमाव बिंदु तक नहीं पहुँच पाता व पौधे पाले से बच जाते हैं। पॉलीथिन की जगह पर पुआल का उपयोग भी किया जा सकता है। पौधे ढंकते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि पौधों का दक्षिणी पूर्वी भाग खुला रहे, जिससे पौधों को सुबह और दोपहर की धूप मिल सके। खेत के पास उत्तरी पश्चिमी दिशा की खेत की मेडों पर रात्रि में धुंआ करना चाहिए जिससे तापमान गलाव बिंदु तक नहीं पहुंचे।
इसी तरह पाले से बचने के लिये कुछ रासायनिक उपचार भी हैं। फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। इसके लिये एक लीटर गंधक के तेजाब को एक हजार लीटर पानी में घोलकर एक हैक्टेयर रकबे में प्लास्टिक के स्पेयर से छिड़काव किया जा सकता है। ध्यान रखना चाहिए कि पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगे। इस छिड़काव का असर दो हफ्ते तक रहता है। यदि इसके बाद भी शीतलहर व पाले की संभावना बनी रहे तो 15 दिन के अंतराल से यह छिड़काव फिर से किया जा सकता है। इसी प्रकार थायोयूरिया 500 पीपीएम (आधा ग्राम) प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है।
युवराज दत्त महाविद्यालय, लखीमपुर खीरी में जनजाति उन्नयन प्रकोष्ठ द्वारा उमंग-थारू महोत्सव एवं थारू जनजाति हस्तशिल्प प्रदर्शनी का किया आयोजन
आज दिनांक 21.12.2021 को युवराज दत्त महाविद्यालय, लखीमपुर खीरी में जनजाति उन्नयन प्रकोष्ठ द्वारा उमंग-थारू महोत्सव एवं थारू जनजाति हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना एवं कुलगीत के साथ प्रारम्भ हुआ।
महोत्सव में विषय प्रवर्तन करते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ० ज्योति पंत ने बताया कि महाविद्यालय का जनजाति उन्नयन प्रकोष्ठ विगत चार वर्षों से समाज के वंचित समुदाय थारू जनजाति के सामाजिक सांस्कृतिक विकास हेतु अलग-अलग थीम पर कार्य कर रहा है। थारू बच्चों के लिये बुक बैंक, ताइक्वांडो प्रशिक्षण, योगा प्रशिक्षण, फल संरक्षण प्रशिक्षण एवं नृत्य गीत-संगीत का प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम निरंतर महाविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे हैं।
बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9336114041 )
दिनांक- 21 – दिसंबर – 2021 -मंगलवार ।
युवराज दत्त महाविद्यालय, लखीमपुर खीरी में जनजाति उन्नयन प्रकोष्ठ द्वारा उमंग-थारू महोत्सव एवं थारू जनजाति हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना एवं कुलगीत के साथ प्रारम्भ हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की एसो० प्रोफेसर डॉ० रोली मिश्रा ने अपने उद्बोधन में जनजातीय संस्कृति को हेरिटेज के रूप में संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिना समुचित प्रशिक्षण एवं टूल किट दिये बिना थारू हस्त शिल्प का प्रचार प्रसार एवं इसका सरक्षण करना मुश्किल है। डॉ० रोली ने थारू उत्पादों की ब्रांडिंग एवं उन्हें ई-मार्केट उपलब्ध
कराने की आवश्यकता पर बल दिया। वाणिज्य विभाग के एसो० प्रोफेसर डॉ० डी०एन० मालपानी ने थारू व गैर थारू विद्यार्थियों के मध्य सामंजस्य के आधार पर थारू संस्कृति को बढ़ावा देने पर बल दिया। जन्तु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ० अजय आगा ने थारू छात्र-छात्राओं के उन्नयन के लिये सरकारी योजनाओं पर और अधिक बल दिये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में सम्मिलित सभी थारू छात्र-छात्राओं एवं ताइक्वाडों में प्रस्तुति करने वाले बच्चों तथा रंगोली प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र एवं मेडल प्रदान किये गये।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. हेमन्त पाल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए महोत्सव संयोजक डॉ० ज्योति पंत की सराहना करते हुए कहा कि थारू महोत्सव जैसे कार्यक्रम महाविद्यालय में होते रहने चाहिये। यह छात्र-छात्राओं के भविष्य के लिये बहुत ही उपयोगी सिद्ध होते हैं।
कार्यक्रम में सफल संचालन इतिहास विभाग की एसो० प्रोफेसर डॉ० नूतन सिंह ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे। डॉ हेमन्त पाल प्राचार्य-युवराज दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखीमपुर-खीरी,उ प्र
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